अखबार बेचने से लेकर रॉकेट बनाने तक की कहानी। APJ ABDUL KALAM BIOGRAPHY IN HINDI

 

    ए पी ज़े अब्दुल कलाम की जीवनी ( जन्म,मृत्यु,वैज्ञानिक उपलब्धि ,राष्ट्रपति बनने का सफर , पुरूस्कार , उपलब्धिया , किताबे और उनके प्रेरणादायक वाक्य )


            ए पी ज़े अब्दुल कलाम भारत के लिए 20 वी शताब्दी के उन महान इंसानो में से एक है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत को एक अलग ही पहचान दिलाने का काम किया है। एक ऐसा व्यक्तित्व जिनसे अपने सम्पूर्ण जीवन को देश सेवा और देश को आगे बढ़ाने वाले कामो के लिए झोंक के रख दिया। जिन्होंने अपने काम के प्रति सच्ची श्रद्धा और लगन से देश को अपने समय से कई वर्ष आगे बढ़ा दिया और सम्पूर्ण देशवासियो और विश्व को बता दिया कि अगर सच में कोई व्यक्ति चाह ले तो अकेला ही वो अपने देश का नाम रोशन कर सकता है। अब्दुल कलाम एक ऐसा नाम है जो वर्तमान में देश के हर व्यक्ति के लिए आदर्श है और सदैव प्रेरणा देने का काम करता है। एक ऐसा व्यक्तित्व,जो बताता है की अगर हमारे अंदर आगे बढ़ने की लगन हो तो  परिस्थिति कैसी भी हो , हम आगे बढ़ सकते है और कोई भी हमारे जीवन को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता। 

   

      जीवनी के इस ब्लॉग में हम जानेगे भारत के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न ए पी ज़े अब्दुल कलाम की जीवन को विस्तार से , तो चलिए शुरू करते है -




   ए पी ज़े अब्दुल कलाम (APJ ABDUL KALAM)

ए पी ज़े अब्दुल कलाम की व्यक्तिगत जानकारिया ( Personal Information of APJ Abdul Kalam ) -


1. पूरा नाम - अब्दुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम 

2. जन्म - 15 अक्टुम्बर 1931 

3. शारीरिक कद - 168 से.मी / 1.68 मीटर   

4. जन्मस्थान - गांव धनुषकोटि, रामेश्वरम (तमिलनाडु)

5. मृत्यु - 27 जुलाई 2015 

6. मृत्यु स्थान - शिलांग (मेघालय)

7. हॉबी - किताबे पढ़ना , लिखना , वीणा बजाना। 


ए पी ज़े अब्दुल कलाम की पारिवारिक जानकारिया (APJ Abdul Kalam Family Information)-


 1. माता - आशियम्मा कलाम 

 2. पिता - जैनुलाब्दीन कलाम 

 3. पत्नी - नहीं थी। ( ये जीवन भर अविवाहित ही रहे )

 4. बहन - असीम जोहरा ( बड़ी बहन )

 5. भाई - कुल 3 = 1. कासिम मोह्हमद 
                            2. मुस्तफा कमल 
                            3. मोह्हमद मुथू मीरा 





        * ए पी ज़े अब्दुल कलाम के परिवार में कुल 6 लोग थे। जिसमे इनके माता-पिता , एक बड़ी बहन और तीन बड़े भाई थे। 

       * ए पी ज़े अब्दुल कलाम अपने परिवार में सबसे छोटे सदस्य थे। 

       * ए पी ज़े अब्दुल कलाम के पूर्वज वैसे तो आर्थिक रूप से सम्पन थे और कई भूमि और संपत्ति के मालिक भी थे। वे धनी व्यापारी और जमींदार थे। इसके अतिरिक्त वे लोग मुख्य भूमि , द्वीप और श्रीलंका के मध्य किराना का व्यापार करते थे। साथ ही मुख्य भूमि से पामबन द्वीप तक तीर्थयात्रियों के लिए नौका विहार का कार्य करते थे। 

      * इन सब के आधार पर इनके पूर्वजो को " मारा कलाम इयाकिवार " अर्थात " लकड़ी की नाव चलाने वाला " तथा बाद में "माराकियार" के नाम से जाना जाता था। 

     * 1920 के दशक आते तक इनके परिवार की सम्पति ख़त्म होती चली गयी और धीरे धीरे ये सभी लोग आर्थिक तंगहाली का शिकार हो गए। एक समय बाद इनका परिवार गरीबी के श्रेणी में आ गया था। 

     * जब ए पी ज़े अब्दुल कलाम पैदा हुए तब इनका परिवार बहुत गरीबी में था। 

     * ए पी ज़े अब्दुल कलाम के पिता एक नाविक थे। और अपने घर के पालन पोषण के लिए नावों को चलाने , बेचने और किराये से देने का कार्य करते थे। 

    * वही इनकी माता जी साधारण गृहणी का काम करती थी , और कुशलतापूर्वक अपने घर को चलाने का कार्य करती थी। 

    * ए पी ज़े अब्दुल कलाम के पिता स्वयं पढ़े लिखे नहीं थे , लेकिन पढाई की महत्ता को जानते थे। इसलिए वे शुरू से ही अपने बच्चो को उच्च शिक्षा देने का प्रयास करते थे। 

    * ए पी ज़े अब्दुल कलाम अपने परिवार से बहुत प्रेम करते थे। राष्ट्रपति के पद पर पहुंचने के बाद भी ये अपने गांव में अपने परिवार का पर्याप्त ध्यान रखते थे। और समय समय पर उनकी हर संभव मदद के लिए तैयार रहते थे। 



ए पी ज़े अब्दुल कलाम की शिक्षा ( Education of APJ Abdul Kalam ) -


 1.  स्कूल -  स्वार्ट्ज़ मेट्रिककूलेशन स्कूल (रामनाथ पुरम)

 2. कालेज - 1. सेंट जोशेफ कॉलेज ( तिरुचिरापल्ली ) - स्नातक 
                   2. मद्रास प्रौघोगिकी  संस्थान (चेन्नई) 

         * अब्दुल कलाम बचपन से ही पढाई में अवल्ल छात्र रहे है। और पढाई के साथ इनके अंदर एक खास बात ये थी की ये जिस भी काम को करते थे इसे खूब लगन से करते थे। ये घंटो तक अपनी पढाई को करते रहते थे , इन्हे गणित में विशेष रुचि थी।  

         * इन्होने अपने जीवन की शुरुआती शिक्षा अपने गांव के निकट रामनाथपुरम स्थितः स्वार्ट्ज़ मेट्रिकुलेशन नामक स्कूल से पूरी की। यहां रहते हुए ही इन्होने अपनी 12 वी तक की पढाई को पूरा किया। 

        * इसके बाद इन्होने स्नातक की पढाई भौतिक शास्त्र विषय से सेंट जोसेफ कालेज तिरुचिरापल्ली से की। वर्ष 1954 में ये इस कॉलेज से पास आउट हुए। 

        * अपना स्नातक की पढाई  पूरी करने के बाद इन्होने मद्रास प्रौघोगिकी संस्थान में एडमिशन के लिए परीक्षा दी। जहा इनका चयन हो गया और फिर यहाँ आकर इन्होने " एयरोस्पेस इंजीनियरिंग "के विषय में आगे की पढाई की। कलाम यह पर वर्ष तक 1960 अध्यन किये। 
 
       * ए पी ज़े अब्दुल कलाम शुरुआती समय एक लड़ाकू पायलट बनना चाहते थे , लेकिन आई.ऍम.ऍफ़ (भारतीय वायुसेना) द्वारा निर्धारित दक्षता को प्राप्त ना कर पाने के कारण वह इसमें आगे नहीं बढ़ सके। 

       * ए पी ज़े अब्दुल कलाम बताते है की "जब वे छोटे थे तब उनके शिक्षक ने उन्हें आदर्श जीवन को जीने के तीन खास मन्त्र दिए थे ख्वाहिश , उम्मीद और यकीन। और इन मंत्रो को उन्होंने अपने जीवन में उतार लिया था। जिसके बाद वे सारी जिंदगी बस इसी का पालन करते रहे। 

      * कॉलेज के अंतिम दिनों में ये किसी प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे थे , तब इनके प्रोजेक्ट इंचार्ज ने इन्हे तीन दिनों के भीतर रॉकेट का मॉडल तैयार करने का आदेश दिया और कहा की " अगर वे इसमें सफल नहीं हुए तो कलाम को दी जाने वाली स्कॉलरशिप रोक दी जाएगी।"  ये कार्य बहुत मुश्किल था और ये बात कलाम के प्रोजेक्ट इंचार्ज भी जानते थे। लेकिन कलाम ने कड़ी मेहनत और अपने जूनून के बल पर रात दिन एक कर , भूखे प्यासे रहकर महज़ 24 घंटे के अंदर ही रॉकेट का मॉडल तैयार कर दिया। इनके इस कारनामे से सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए। और इनकी प्रतिभा के कायल हो गए। 



ए पी ज़े अब्दुल कलाम का संघर्ष। APJ Abdul Kalam's struggle -


       सफलता इतनी आसानी से नहीं मिलती , कई असफलताओ और गुजरने के बाद ये नसीब होती है  ए पी ज़े अब्दुल कलाम का जीवन भी संघर्षो से भरा हुआ था। लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बल पर इन्होने ये साबित कर ही दिया , की परिस्थिति चाहे कैसी भी हो। हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे कुछ नहीं है। 


          * कलाम का जीवन बहुत ही गरीबी में बिता था , इतने बड़े परिवार की जिम्मेदारी का वहन करना इनके पिता के लिए अकेले बहुत ही मुश्किल काम था। इसलिए परिवार के सभी सदस्य कुछ न कुछ करके सामूहिक रूप से घर चलाने का कार्य करते थे। 

         *  ए पी ज़े अब्दुल कलाम ने भी अपने घर का आर्थिक सहयोग करने के लिए स्कूल खत्म होने के बाद न्यूज़ पेपर बेचने का कार्य करते थे। अपने बचपन का लम्बा समय इन्होने ये करते हुए गुजारा है। 

        *  ए पी ज़े अब्दुल कलाम उस दौर में ट्रेन में भी पेपर बेचने का काम करते थे। कई बार ये होता था की पेपर बेचते हुए इनकी ट्रैन छूट जाती थी। और ये ट्रैन के साथ अगले स्टेशन तक पहुंच जाते थे जिस के कारण इनके पेपर का थैला पहले स्टेशन पर छूट जाता था। 
           इसलिए इन्हे कई बार 4 किमी पैदल फिर से पहले स्टेशन आना पड़ता था जिसके बाद ये अपना थैला उठा के फिर से पेपर बाटने चले जाते थे। 

      * मद्रास इंस्ट्रीटूट और टेक्नोलॉजी में प्रवेश के दौरान कलाम को एडमिशन के लिए 1000 रुपयों की आवयश्कता थी जो की उस समय बहुत बड़ी रकम होती थी। और इनके परिवार के पास इसके लिए पैसे नहीं थे , लेकिन इनकी बड़ी बहन नहीं चाहती थी की कलाम की पढाई रुके। इसलिए उन्होंने अपने जेवर बेच के एडमिशन के लिए पैसे कलाम को दिए थे। 
        उस समय कलाम को इस बात ने अंदर तक चोट पहुचायी थी जिसके बाद कलाम ने अपनी बहन से वादा किया था की एक दिन वो उन्हें जेवर वापिस लेकर जरूर देंगे। 

    * मद्रास इंस्ट्रीटूट और टेक्नोलॉजी से पास होने के बाद इन्होने एयरफोर्स और मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेंस दोनों को लिए जॉब हेतु इंटरव्यू दिया था। जहा पर डिफेंस में इनका चयन हुआ था। 

    * डिफेन्स के लिए इन्होने दिल्ली में इंटरव्यू दिया था। जहा इन्हे टॉप 25 लोगो में शामिल किया गया। और इनका चयन अगले इंटरव्यू के लिए किया गया। 

    * इसके बाद देहरादून में हुए दूसरे चरण के इंटरव्यू में इन्हे  25 लोगो में से 9 वा स्थान मिला। लेकिन दुर्भाग्य वश उसमें सिर्फ शुरुआती 8 लोगो को ही सिलेक्ट किया गया। इससे कलाम बहुत निराश हुए और भारी मन से वापिस दिल्ली आ गए। 

    * इसके बाद इन्होने रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन ( DRDO) के तहत काम करना शुरू कर दिया।  शुरू में ये DRDO में बतौर सीनियर साइंटिफिक अस्सिटेंट के पद पर नियुक्त हुए। जहा इनकी मासिक सेलेरी 250 रूपए प्रतिमाह थी। 


 


ए पी ज़े अब्दुल कलाम का DRDO में सफर। Journey of APJ Abdul Kalam in DRDO - 


      डॉक्टर  ए पी ज़े अब्दुल कलाम ने DRDO में वर्ष 1960 से काम करना शुरू किया। इन्होने सबसे पहले सीनियर साइंटिफिक अस्सिस्टेंट के पद पर काम किया। धीरे धीरे अपनी प्रतिभा के बल पर ये DRDO के सबसे काबिल वैज्ञानिक बन गए। और अंत में इन्होने DRDO प्रमुख की कमान भी संभाली। 

      * DRDO के शुरूआती दिनों में इनका कार्य छोटे हेलीकाप्टरों को डिजाइन करने का था। और इन्होने कम समय में ही भारतीय सेना के लिए छोटा हेलीकाप्टर तैयार किया था। 

     * वर्ष 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध में भारत को मिली हार के बाद देश में आधुनिक मिसाइल और रक्षा उपकरणों की आवयस्कता महसूस हुई , जिसके बाद इस कार्य के क्रियान्वन हेतु भारतीय राष्ट्रीय कमिटी फॉर स्पेस रिसर्च का गठन किया। 

    * अपने काम के दौरान ही इन्हे भारतीय राष्ट्रीय समिति फॉर स्पेस रिसर्च का हिस्सा बनाया गया। इस समिति में भारतीय स्पेस प्रोग्राम के जनक विक्रम अम्बालाल साराभाई भी थे। कलाम ने इस समिति में काम करते हुए इनके अधीन काम को सीखा। 

    * कलाम ने अपने काम से सभी को अपना मुरीद बना दिया था यही कारण था कि तात्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इन्हे भारतीय राष्ट्रीय कमिटी में शामिल किया था। 

    * DRDO में काम करते हुए वर्ष 1963 - 1964 में कलाम ने रक्षा मेरीलैंड के ग्रीनबोल्ट में स्थित गोडाड़ स्पेस फ्लाइट सेंटर का रिसर्च हेतु दौरा किया। 

    * इसी समय कलाम ने वर्जीनिया के पूर्वी तट पर स्थित वॉलपस फ्लाइट दक्षता सेंटर और वर्जीनिया के हेम्पटन में स्थित नासा के लैंगली रिसर्च सेंटर का दौरा भी किया। 

    * वर्ष 1965 में डाक्टर कलाम ने DRDO में स्वतंत्र रूप से एक विस्तार योग्य रॉकेट परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया। 

    * इसी बीच वर्ष 1969 में डाक्टर कलाम का स्थनान्तरण इसरो में कर दिया गया। इसरो में कलाम सर का   जाना उनके किसी सपने के सच होने जैसा था। वे अपने करियर की शुरुआत से ही इसरो में जाने की प्रबल इच्छा रखे हुए थे।  इसलिए  इन्होने ख़ुशी ख़ुशी ये प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। 


   * 1980 के शुरुआती दशक में कलाम सर जब इसरो में सफलतापूर्वक काम कर रहे थे तभी भारत सरकार के निर्देशन में और DRDO के द्वारा प्रबंधित कार्यक्रम इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम (IGMCP) की शुरुआत की गयी। और इनकी काबिलियत को देखते हुए इन्हे इस कार्यक्रम का नेतृत्व करने के लिए कहा गया , इसलिए कलाम IGMCP  के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में फिर से DRDO लौट आये। 

   * इनके द्वारा प्रोग्राम को निर्देशित करते हुए अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों का निर्माण कार्य शुरू किया गया। 

   * यहाँ भी इन्होने अपने काम और नेतृत्व का शानदार उदाहरण पेश करते हुए कम समय में ही दोनों मिसाइलों का निर्माण पूरा करवाकर सफल परिक्षण भी कर दिया। 

   * इनके सहयोग से भारत ने वर्ष 1988 में पृथ्वी मिसाइल और फिर 1989 में अग्नि मिसाइल का सफल परिक्षण पूर्ण किया।  

   * अब्दुल कलाम अब देश के जाने पहचाने नाम बन चुके थे। इसी क्रम में इन्हे जुलाई 1992 में DRDO का प्रमुख नियुक्त कर दिया गया। और इस पद पर ये वर्ष 1999 तक बने रहे। इसके साथ ही इन्हे भारतीय प्रधानमंत्री का मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी नियुक्त किया गया। 

   * कलाम इसके बाद भी आगे रुके नहीं , और इन्होने आगे भारत को विश्व के सामने उभरती हुई शक्ति बनाने कि दिशा में बढ़ाने के लिए वर्ष 1998 में राजस्थान राज्य के पोखरण में भारत के द्रितीय परमाणु परिक्षण को पूर्ण किया। इस कार्य को पूरा करने में कलाम ने राजनैतिक और तकीनीकी रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

   * कलाम के प्रयासों से ही तात्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने पहली बार भारत को परमाणु विकसित राष्ट्र घोषित किया था। 




ए पी ज़े अब्दुल कलाम और इसरो का सफर। Journey of APJ Abdul Kalam and ISRO - 


     * वर्ष 1969 अब्दुल कलाम का इसरो में आगमन DRDO से ट्रांसफर होने के बाद हुआ। 

     *  ए पी ज़े अब्दुल कलाम अपने शुरुआती दिनों से ही इसरो में आने का सपना देखे थे ,इसलिए इसरो में आना इनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा था। 

     * इसरो में आने के बाद इन्हे SLV(

Satellite Launch Vehicle

) 3 के निर्माण हेतु परियोजना निर्देशक 
के रूप में कार्य का प्रभार दिया गया। 

     * कलाम ने वर्ष 1969 में तात्कालीन सरकार से स्वीकृति प्राप्त कर और अधिक मात्रा में इंजीनियरों की भर्ती के लिए विस्तार सम्बंदी कार्यक्रम चलाया था। 

     *  इनके निर्देशन पर ही जुलाई 1980 में इनकी टीम ने पृथ्वी की कक्षा के पास रोहिणी नामक उपग्रह को सफलता पूर्वक स्थापित किया था। जो की देश के लिए उस समय की सबसे बड़ी अंतरिक्ष उपलब्धियों में से एक थी। 

    
    * अपने काम को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 1970 में इन्होने PSLV (POLLER SATELLITE LAUNCH VIHICLE) विकसित करना शुरू किया। इस दिशा में कार्य को विस्तार देने और तेज़ी से कार्य को पूरा करने के लिए इन्होने अपनी टीम को विकसित करने पर ध्यान देना शुरू किया। 

    * PSLV को बनाने का इनका शुरुआती उद्देश्य यह था कि"भारतीय रिमोर्ट सेंसिंग उपग्रह को SUN SYNCHRONOUS कक्षा में स्थापित किया " जा सके। 

    * PSLV पर लगातार अपने प्रयोग के बाद 20 सितम्बर 1993 को इसे पहली बार सफल रूप से लांच किया गया। इसके लांच होने से भारत को अब अपने सेटेलाइट को लांच करने के लिए विदेशो पर निर्भर रहने की जरुरत से छुटकारा मिल गया। 

    * इसके साथ साथ ए पी ज़े अब्दुल कलाम ने वर्ष 1970 से लेकर 1990 तक अपने निर्देशन में SLV-3 रॉकेट और धुर्वीय SLV की परियोजना के विकास हेतु सहयोग प्रदान किया। 


    *  ए पी ज़े अब्दुल कलाम ने ISRO में रहते हुए प्रोजेक्ट वालिंटियर और प्रोजेक्ट डेविल को निर्देशित करने का कार्य भी किया जिसके परिणामस्वरूप भारत में SLV कार्यक्रम तकनीक का उपयोग करके बैलिस्टिक मिसाइल को विकसित करने का प्रयोग किया गया। जो की सफल रहा। 

    * इसी बीच वर्ष 1974 में हुए भारत के पहले परमाणु परीक्षण में अब्दुल कलाम ने उस परियोजना के निर्देशक राजा रमन्ना को बतौर सहायक के रूप में अपनी सेवाएं दी थी। 

    * 70 से 80 के दशक में इनके द्वारा किये गए कार्यो की सफलता और इनके दिमाग की शक्ति को देख कर भारत  ही नहीं विदेशो में भी ये प्रसिद्धी पाने लगे , इनका कद इतना ज्यादा बढ़ गया था कि प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने इन्हे केबिनेट की मंजूरी लिए बिना ही कुछ गुप्त परियोजनाओं पर कार्य करने कि अनुमति दे दी थी। 



राष्ट्रपति के रूप में ए पी ज़े अब्दुल कलाम का कार्यकाल। APJ Abdul Kalam's tenure as President -





      * ए पी ज़े अब्दुल कलाम भारत देश के अब तक के सबसे ज्यादा लोकप्रिय राष्ट्रपति है ,इन्हे पीपुल्स प्रेसिडेंट भी कहा जाता है , साथ ही ये भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जिनकी कोई राजनैतिक पृष्ठभूमि नहीं थी।


      * ए पी ज़े अब्दुल कलाम राष्ट्रपति बनने के पूर्व प्रधानमंत्री के रक्षा मामलो के जानकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे और ये काफी लम्बे समय तक ये भूमिका निभाते आ रहे थे। 

      * डा.ए पी ज़े अब्दुल कलाम को तात्कालिन NDA ( राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ) सरकार ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया था , इसके लिए 10 जून 2002 को NDA गठबंधन ने विपक्षी पार्टी UPA की प्रमुख सोनिया गाँधी के समक्ष नाम प्रस्तावित किया था। 

     * राष्ट्रपति चुनाव में इनके विरुद्ध लक्ष्मी सहगल चुनाव में खड़ी हुई थी , इस चुनाव में ए पी ज़े अब्दुल कलाम को कुल 90 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। 

     * डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम ने भारत के 11 वे राष्ट्रपति पद की शपथ 25 जुलाई 2002 को ली थी। एवं 25 जुलाई 2007 तक राष्ट्रपति के पद पर विराजमान रहे। 

     * जैसा की बताया गया है की ये भारत के सबसे चहिते और सबसे सम्मानित राष्ट्रपति थे। इसलिए इन्हे वर्ष 2007 में पुनः राष्ट्रपति पद के लिए नामित किये जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन इन्होने इस हेतु मना कर दिया था। 

    * ये भारत रत्न प्राप्त करने(1998) के बाद भारत देश के राष्ट्रपति बनने वाले देश के तीसरे व्यक्ति थे। इनसे पहले डा. सर्वपल्ली राधाकृष्ण (1954) , और जाकिर हुसैन (1963) भारत रत्न प्राप्त कर राष्ट्रपति रह चुके है। 

    * ये अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध रहे थे। 

    * इन्होने एक बार दिए गए अपने इंटरव्यू में बताया था कि इनके कार्यकाल का सबसे कठिन निर्णय ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट बिल पर हस्ताक्षर करना लगा था। और इस बिल को साइन करने से पहले इन्होने खूब ज्यादा सोच विचार किया था। 

    * अपने कार्यकाल में इन्होने , इनके पास आयी फ़ासी से माफ़ी के लिया कुल 21 दया याचिकाओं के से 20 दया याचिकाओं के प्रति निष्क्रियता दिखाई थी जिसमे संसद हमले के दोषी का भी नाम शामिल था। इस हेतु एक राष्ट्रपति के रूप में इन्हे आलोचना का शिकार भी होना पड़ा था। 

    * ए पी ज़े अब्दुल कलाम के पूर्व राष्ट्रपति का नाम - के.आर. नारायण 

    * ए पी ज़े अब्दुल कलाम के बाद बनने वाली राष्ट्रपति का नाम - प्रतिभा देवी पाटिल 



राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना के बाद ए पी ज़े अब्दुल कलाम का सफर। Journey of APJ Abdul Kalam after resigning from the post of President -


       * राष्ट्रपति का पद त्यागने के बाद डा. कलाम शिक्षण , लेखन , मार्गदर्शन और शोध जैसे कार्यो के साथ जुड़ गए।  

      * ये भारत के विभिन्न प्रबंधन संस्थान जैसे - भारतीय प्रबंध संस्थान शिलांग , भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर , भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद से जुड़कर विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्य करने लगे। 

     * इसके अतिरिक्त ये भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलोर में फेलो के रूप में , इंडियन इंस्ट्रीटूट और स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी (तिरूवनन्तपुरम) के चांसलर के रूप में और अन्ना युनिवर्सिटि चेन्नई में एयरोस्पेस इंजीनियर के प्रोफेसर के रूप में भी समय समय पर अपनी सेवाएं दी थी। 

     * इसके साथ ही ये IIT हैदराबाद और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में सुचना प्रौघोगिकी विषय के अध्यन का कार्य भी करते रहे थे। 

    * युवाओ का भविष्य बेहतर बनाने की दिशा में और भ्रस्टाचार को कम करने के उद्देश्य से " व्हाट केन आई गिव " नामक पहल की शुरुआत भी इन्होने की थी। 

    * युवाओ के बीच इनकी जबरदस्त लोकप्रियता को देख कर इन्हे वर्ष 2003 और वर्ष 2004 में दो बार MTV यूथ आइकन ऑफ़ द ईयर के सम्मान के लिए मनोनीत भी किया गया था। 



 ए पी ज़े अब्दुल कलाम की कुछ खास बाते। Some special things of APJ Abdul Kalam -




     * डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम को 40 से भी ज्यादा भारतीय और विदेशी संस्थानों ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया था। 

     * डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम ने जीवन भर शादी नहीं की थी। ये आजीवन कुंवारे ही रहे। 

     * ये पहले ऐसे व्यक्ति थे, जो की अविवाहित , वैज्ञानिक और बिना किसी राजनितिक पृष्ठभूमि के राष्ट्रपति भवन तक पहुंचे थे। 

     * डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम जीवन भर धर्मनिरपेक्ष रहे , ये सभी धर्मो का सम्मान करते थे तथा सार्वजानिक जीवन में इन्होने कभी भी अपने धर्म का स्पष्ट रूप से प्रदर्शन नहीं किया। कलाम सर रोज़ा और नमाज़ भी नियमित रूप से करते थे लेकिन कभी भी रोज़ा इफ्तार जैसे सार्वजानिक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं करवाया। 

    * अब्दुल कलाम एक मात्र ऐसे राष्ट्रपति रहे है जिन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए भी शिक्षण और लेक्चर देने का कार्य करते थे। 

    * इन्होने मुस्लिम होते हुए भी हिन्दू धर्म के विभिन्न ग्रंथो जिसमे भगवत गीता भी प्रमुख है का अध्यन किया था। इन्हे भारतीय संस्कृति से खास लगाव था। इसके अलावा ये अपने खाली समय में वीणा बजाने का कार्य भी करते थे। 

   * कलाम सर का कहना था की " पैग़म्बर ने कहा है - मुल्क से मोह्हबत ईमान की निशानी है " जब वो कॉलेज के बाद इस दुविधा में थे कि विदेशो में मिल रही शानदार नौकरिया करे जो की उनके कॉलेज के अन्य छात्र कर रहे थे या फिर अपने देश के लिए ही कुछ करे। तब इन्होने पैगम्बर की इस बात का अनुसरण किया और अपने जीवन  को देश की सेवा में लगा दिया। 

   * कलाम के जीवन में पिता कि दी हुई सीख का असर भी देखने को मिलता था। इन्होने बताया था की " एक बार जब उनके पिताजी इलाके के सरपंच बने थे तो उसके कुछ दिन बाद कोई अज्ञात व्यक्ति , छोटे कलाम सर को घर पर कुछ गिफ्ट देकर चला गया था। ये बात जब उन्होंने अपने पिता को बताई तो इस से इनके पिता बहुत नाराज़ हुए और कलाम सर को हदीस शरीफ का हवाला देते हुए कहा - कि कभी भी हमें अपने पद का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए। " कलाम सर ने जीवन भर इस बात का अनुपालन किया। यहाँ तक की जब वो अपने जीवन के इतने बड़े पदों पर पहुंच गए तब भी इन्होने अपना सादगी भरा जीवन जीना नहीं छोड़ा। 

  
   * कलाम अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता को देते हुए कहते है कि " बचपन में मेरी माताजी ने मेरे पढाई के प्रति जूनून को देख कर अपनी बचत के पेसो से लेम्प लाकर दिया था जिसके कारण मै रात में 11 बजे तक पढाई कर पाता था । माँ ने अगर मेरा साथ नहीं दिया होता तो शायद आज मै इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता। "

    * इसके प्रेस सचिव रहे SM खान ने  किताब " महानतम इंसान के साथ मेरे दिन " में बताया था की डा. कलाम वर्ष 2006 में राष्ट्पति पद से इस्तीफा देना चाह रहे थे क्युकि उस समय में राज़्यपाल ने विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव इसके पास भेजा था। जिस पर ये हस्ताक्षर नहीं करना चाहते थे लेकिन फिर भी इन्हे हस्ताक्षर करने पड़े। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्पति के इस आदेश को खारिज कर दिया था। तब कलाम को अपने अंदर से बहुत बुरा लगा था की उन्होंने हस्ताक्षर क्यों कर दिया। " ये बात बताती है की वे हृदय से कितने कोमल स्वभाव के व्यक्ति थे। 

   * कलाम सर की सादगी को बताता एक और उदाहरण है कि एक बार राष्ट्रपति रहते हुए इनके किसी प्रशंसक ने अपने हाथ से इनका स्केच बनाकर इन्हे भेजा था जिसे देख कर कलाम सर आश्चयचकित हो गए थे और इसके बदले में इन्होने खुद अपने हाथ से लिखकर उस व्यक्ति को धन्यवाद पत्र लिख कर भेजा था। 

   * कहते है की जब राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा करने के बाद जब कलाम सर राष्ट्रपति भवन छोड़ रहे थे तब उनके पास वह से निकलते हुए बस कुछ जोड़ी कपडे , जूते और बहुत कम मात्रा में जरुरी सामान को छोड़ और इसके आलावा ढेर सारी पुस्तके बस थी। ये बताता है की कलाम सर कितना ज्यादा सादगी भरा जीवन जीते थे। 

   * केंद्रीय सुचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 9 फरवरी 2020 को अब्दुल कलाम सर पर बनी बायोपिक "APJ अब्दुल कलाम - द मिसाइल मेन " का फर्स्ट लुक जारी किया था। 

डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम का इंडिया विज़न 2020 ! Dr. APJ Abdul Kalam's India Vision 2020 - 


     कलाम सर ने अपनी किताब इंडिया 2020 : विज़न फॉर मिलेनियम में विस्तार से भारत के लिया 2020 तक का विकास हेतु एजेंडा बतलाया था। इस बुक के माध्यम से इन्होने बताया था की कैसे भारत्त वर्ष 2020 तक भारत को विभिन्न दिशा में काम करते हुए विकसित देशो की श्रेणी में और नॉलेज सुपरपॉवर के रूप में बनाया जा सकता है। 

   इन्होने इसमें कहा था कि - देश का इस समय ध्यान जीडीपी , विदेशी मुद्रा विनिमय, आयत - निर्यात , तकनीक और अर्थव्यवस्था की तरफ प्रमुखता से होना चाहिए। साथ ही इस बात पर भी बल दिया जाना चाइये की कैसे देश के सभी लोगो तक पर्याप्त शिक्षा , स्वास्थ और पोषक भोजन की पहुंच सुनिश्चित की जा सके। 

    साथ ही कैसे मिडिया को देश की तररकी में गंभीर भूमिका निभानी चाहिए। इसके लिए नकारात्मक खबरों पर बल नहीं दिया जाना चाहिए। क्योकि इस से किसी को कुछ मिलने वाला नहीं है बल्कि  इसके बदले में सकारात्मक खबरों को आगे बढ़ाना चाहिए , क्युकी इस से विकास की उम्मीदे बढ़ती है। 

   साथ ये इसमें ये भी बताया गया था की कैसे देश के युवाओ पर ध्यान देकर इन्हे देश के विकास की फैक्ट्री के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। 

 डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम के आदर्श विचार। Ideal Thoughts of Dr. APJ Abdul Kalam -

    
     1. प्रश्न पूछना विघार्थियों की सभी प्रमुख विशेषताओ में से एक प्रमुख विशेषता है। इसलिए विघार्थियों को सदैव प्रश्न पूछने चाहिए। 

   2. मेरे लिया जीवन में नकारात्मक अनुभव जैसी कोई चीज ही नहीं है। हर अनुभव ने मुझे कुछ न कुछ सिख ही दी है। 

   3. जिंदगी और समय विश्व के दो सबसे बड़े अध्यापक है क्युकी जिंदगी समय का सही उपयोग करना सिखाती है तो वही समय भी जिंदगी की उपयोगिता को बताता है। 

   4. जब हम दैनिक समस्याओ से घिरे हुए होते है तो हम उन अच्छी चीजों को भुला देते है जो की हमारे पास मौजूद होती है। 

   5. इंसान के जीवन में कठनाई ज्यादा जरूरत होती है क्युकी यही तो सफलता का आनंद उठाने के लिए जरुरी है। 

    6. मै इस बात को स्वीकार करने के लिए सदैव ही तैयार रहता हु की कुछ चीजे दुनिया में ,मै नहीं बदल सकता। 

    7. जो लोग आधे अधूरे मन से कार्य करते है उन्हें सफलता भी आधी अधूरी ही मिलती है जिसे चारो और वातावरण में सिर्फ कड़वड़ाहट ही उत्पन्न होती है। 

    8. हमें कभी भी प्रयत्न करना नहीं छोड़ना चाहिए। और समस्याओ से कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। 

    9. खुश रहने का एक ही मन्त्र है की उम्मीद सिर्फ खुद से रखो किसी और से नहीं। 

    10. सपने वो नहीं होते जो आप सोते समय देखते है बल्कि सपने तो वो होते है जो आपको नींद ही नहीं आने देते। 

    11. केवल ताकत  ही ताकत का सम्मान करती है। इसलिए अगर जीवन में कुछ पाना हो तो सबसे पहले आपको ताकतवर बनना होगा। 

    12. इन्तजार करने वाले को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना की प्रयत्न करने वाले छोड़ देते है। 

     13. बारिश के समय सभी पक्षी पानी से बचने के लिए आश्रय ढूंढते है , लेकिन बाज़ ही एक ऐसा पक्षी है जो बारिश से बचने के लिए बादलो ऊपर उड़ान भरता है। इसी तरह समस्या आना  तो आम बात है फर्क तो सिर्फ हमारे नज़रिये का पड़ता है। 

     14. शिक्षाविदो को छात्रों के मध्य पूछताछ , रचनात्मकता , उघमशीलता की भावना और नैतिक नेतृत्व की छमता को बढ़ावा देना चाहिए। इस हेतु उन्हें छात्रों के मध्य आदर्श परिस्थति का निर्माण करना चाहिए। 

     15. आसमान की ओर देखो , देखो हम अकेले नहीं है क्युकी जब भी हम लोग बड़े सपने देखते है तो हमारे साथ पूरा ब्रम्हाण्ड होता है। 

     16. सफलता की कहानी मत पढ़ो , इस से आपको सिर्फ एक सदेश मात्र मिलेगा। असफलता की कहानी पढ़ो ,इस से आपको सफलता पाने के कुछ प्रेरक विचार प्राप्त होंगे। 

     17. शिखर तक पहुंचने के लिए हिम्मत की आवयशकता होती है चाहे वो शिखर माउन्ट एवरेस्ट का हो ये फिर आपके व्यवसाय का। 

   18. आइये हम अपने आज का त्याग करे , ताकि हम हमारे बच्चो को एक बेहतर कल प्रदान कर सके। 

   19. अपने काम से प्रेम करो अपनी कंपनी से नहीं। क्युकी क्या पता कब आपकी कंपनी आपसे प्रेम करना बंद कर दे। 

   20. राष्ट्र का सबसे अच्छा दिमाग कक्षा की आखिरी बेंच पर भी पाया जा सकता है। 

   21. असफलता नामक रोग को मारने के लिए आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत ही सबसे अच्छी दवा होती है। 

    22. किसी को हराना बहुत ही आसान होता है लेकिन किसी को जीतना उतना ही कठिन होता है। 

    23. हमें हार नहीं माननी चाहिए और समस्याओ को हमें हराने की अनुमति कभी भी नहीं देनी चाहिए। 

     24. किसी भी धर्म में, उसे बनाये रखने के लिए और उसके विस्तार के लिए दुसरो को मारने की अनिवार्यता को नहीं बताया गया है। 

    25. आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते , लेकिन आप अपनी आदतों को तो बदल सकते है और निश्चित ही आपकी आदते आपका भविष्य बदल देगी। 

    27.  मेरा विचार है कि छोटी उम्र में आप अधिक आशावादी होते है , कल्पनाशीलता भी अधिक होती है और पक्षपात की भावना भी कम होती है। 

   28. माता-पिता और गुरु , ये ही वे लोग है जो किसी समाज को भ्रस्टाचार मुक्त और सुन्दर मन का बना सकते है। 


डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम की मृत्यु। Death of Dr. APJ Abdul Kalam -  

           27 जुलाई 2015 को डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम मेघालय के शिलांग में बच्चो को एक लेक्चर दे रहे थे , इसी दौरान उन्हें चक्कर आता है और वे गिर जाते है। इसके बाद उन्हें नजदीकी हॉस्पिटल के जाया जाता है जहा उन्हें मृत घोषित कर दिया जाता है। 

जानिये विस्तार से -  27 जुलाई 2015 को डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम IIM शिलांग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लेक्चर देने गए थे। कार्यकम के दौरान ही जब ये अपना अभिभाषण दे रहे थे , तभी इनकी तबियत खराब हो गयी। जिस से ये चलते लेक्चर के दौरान ही गिर पड़े। 

      * इसके बाद इन्हे शिलांग के अस्तपताल में भर्ती किया गया, हालत ज्यादा नाज़ुक होने की वजह से इन्हे ICU वार्ड में भर्ती किया गया। जहा हालात में कोई सुधार न हो पाने के कारण इनकी मृत्य हो गयी। 

       * डाक्टरों द्वारा जारी मेडिकल रिपोर्ट में इनकी मृत्यु का मुख्य कारण कार्डिएक अटैक ( हार्ट अटैक ) बताया। और ये भी बताया गया चुकि कलाम सर की उम्र बहुत ज्यादा हो गयी थी जिस कारण उनकी बॉडी इस से उत्पन्न खतरे को सहन नहीं कर पायी। 

     * इस तरह कलाम सर ने 84 वर्ष की उम्र में अपना देह त्याग दिया और उनके लाखो चाहने वालो को अकेला छोड़ कर चले गए। 

    * मृत्यु के बाद 28 जुलाई 2015 को इनकी प्रार्थिव देह गुवाहटी से दिल्ली लायी गयी। जहा दिल्ली स्थितः उनके आवास में आम दर्शन के लिए पार्थिव देह को रखा गया। यहां पर सभी बड़ी शख्सियत ने आकर उनके दर्शन किये। 

    * इसके बाद उनको उनके पैतृक गांव में एयरबस के द्वारा लाया गया। जहा 30 जुलाई 2015 को पुरे राजसम्मान के साथ इनका अंतिम संस्कार किया गया। इनके अंतिम संस्कार में दर्शन के लिए उस समय भारत के प्रधानमंत्री , तमिलनाडु के राज्यपाल, तमिलनाडु - केरल - आंध्रा प्रदेश - कर्णाटक के मुख़्यमंत्री सहित लगभग 350000 लोग शामिल हुए थे। 


 * इनकी मृत्यु पर भारत सरकार ने 7 दिवस का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था। 

   *** अपने मृत्यु के समीप होने पर भी डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम बहुत ही शांत अवस्था में थे। इनके अंतिम समय में इनके साथ रहे डा. श्रीजन पाल ने बताया की " जब इन्हे अस्तपताल ले जाया जा रहा था तब कलाम सर ने इसने हल्का मज़ाक करते हुए कहा - fanny guy ! are you doing well ?

         ये बताता है की कलाम सर कैसे ऐसी परिस्तिथि में भी अपने आप को शांत रखे थे। 

 डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम को प्राप्त पुरूस्कार। Dr. APJ Abdul Kalam received the award -

  1.  भारत रत्न पुरुस्कार - वर्ष 1997 

  2. पद्मविभूषण पुरुस्कार - वर्ष 1990 

   3. पद्म भूषण पुरुस्कार - वर्ष 1981 
  
                                 ये तीनो पुरुस्कार भारत सरकार द्वारा प्रदान किये गए थे। 


   4. वीर सावरकर पुरुस्कार - वर्ष 1998

   5.  इंदिरा गाँधी अवार्ड - वर्ष 1998 = राष्ट्रीय एकता के लिए प्रदत्त।  

   6.    रामानुजन पुरुस्कार - वर्ष 2000 = अलवरस रिसर्च सेंटर चैन्नई द्वारा 

   7. किंग्स चार्ल्स द्रितीय पुरूस्कार - वर्ष 2007 = रॉयल ब्रिटेन सोसायटी द्वारा। 

    8.  आनोरिस कौसा ( डाक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग ) अवार्ड - वर्ष 2008 = नान्यांग विश्व विद्यालय सिंगापुर द्वारा प्रदत्त। 

    9. हूवर मैडल - वर्ष 2009 = ASME फाउंडेशन अमेरिका द्वारा प्रदत्त। 


  10. वान ब्राउन पुरूस्कार - वर्ष 2013 = अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष सोसायटी द्वारा प्रदत्त। 


   11.  सयुंक्त राष्ट्र ने कलाम सर के सम्मान में 15 अक्टुंबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में घोषित कर इन्हे सम्मानित किया है। 

   12.  इसी तरह तमिलनाडु राज्य की सरकार ने इनके जन्मदिवस को "युवा पूर्णजाग्रण दिवस ( YOUTH RENAISSANCE DAY ) " के रूप में घोषित किया है। 


    13. 15 अक्टुम्बर 2015 को कलाम सर के 84 वे जन्मदिवस के अवसर पर भारत के प्र्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नई दिल्ली स्थित DRDO भवन में इनकी याद में डाक टिकिट जारी किया था। 

    
     14.  तमिलनाडु राज्य सरकार ने डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम के नाम पर ए पी ज़े अब्दुल कलाम पुरूस्कार घोषित किया है। 
              * यह पुरूस्कार वैज्ञानिक विकास,मानविकी और छात्र कल्याण के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति को प्रदान किया जाता है। 
              * इस पुरूस्कार में 8 ग्राम का स्वर्ण पदक और 5 लाख रूपए नकद के रूप में उपहार स्वरूप प्रदान की जाती है। 

     




डा. ए पी ज़े अब्दुल कलाम द्वारा लिखी गयी किताबे। Name of Books written by Dr. APJ Abdul Kalam -

  1.  india 2020 - A Vision for the new millennium 

  2. विंग्स ऑफ़ फायर - ऑटोबायोग्राफी 

   3. इग्नाइटेडस माइंड 

   4. ए मेनिफेस्टो फॉर चेंज 

   5. मिशन इंडिया 

   6. इंस्पायरिंग थाट 

   7. माय जर्नी 

   8. एडवांटेज इंडिया 

   9. यू आर बोर्न तो ब्लॉसम 

   10. द लुमिनस स्पार्क 

   11. रेंगनिटेड 

   12. द साइंटिफिक इंडियन : ए ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी गाइड टू द वर्ल्ड अराउंड अस। 

    13. टारगेट 3 बिलियन 

    14. टर्निंग पॉइंट्स 

     15. मैनिफैस्टो फॉर चेंज 

     16. फॉर योर फ्यूचर - केन्डीड , फोर्थराइट , इंस्पायरिंग। 

     17. बियांड 2020 - अ विसन फॉर टुमारोज़ इंडिया 

      18. गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया 

      19. द फॅमिली एंड द नेशन 

 

                                                                                                                              


     जीवनी के इस ब्लॉग पेज में आने के लिए आप सभी का धन्यवाद। हमारी कोशिस रहती है की हम अपनी तरफ से आप तक सभी और सही जानकारी पंहुचा सके। इसके बाद भी अगर कुछ सुधार की गुंजाइश हो तो कृपा आप हमें कमेंट के माध्यम से सूचित करे। आशा करते है की आपको ये सभी जानकारी पसंद आयी होगी।  


Comments

Popular posts from this blog

JHULAN GOSWAMI BIOGRAPHY IN HINDI । झूलन गोस्वामी की जीवनी