Arvind kejriwal biography in hindi (अरविन्द केजरीवाल की जीवनी )
अरविन्द केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संस्थापक और दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री है। इन्होने कम समय में ही समाज सेवा में उतरकर और फिर भस्ट्राचार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद कर के तात्कालिन सरकार को भस्ट्राचार के खिलाफ कड़े कानून बनाने में मज़बूर कर दिया। आइये जानते है अरविन्द केजरीवाल के अभी तक के जीवन से जुडी हर बात जीवनी के इस ब्लॉग में ,
अरविन्द केजरीवाल (ARVIND KEJRIWAL)
अरविन्द केजरीवाल की वयक्तिगत जानकारी ( PERSONAL DETAILS ABOUT ARVIND KEJRIWAL ) -
1. पूरा नाम - अरविन्द केजरीवाल
2. जन्म - 16 अगस्त 1968
3. वर्तमान उम्र - 53 वर्ष
4. जन्मस्थान - गांव सिवानी , जिला भिवानी ( हरियाणा )
5. जाति - वैश्य
6. पेशा - राजनेता ( भूतपूर्व भारतीय कर सेवा अधिकारी )
7. माता - गीता देवी केजरीवाल
8. पिता - गोविन्द राम केजरीवाल
9. पत्नी - सुनीता केजरीवाल ( भारतीय कर सेवा अधिकारी )
10. बेटा - पुलकित केजरीवाल
11. बेटी - हर्षिता केजरीवाल
12. शिक्षा - मेकेनिकल इंजीनियर ने स्नातक
13. स्कूल - 1. केम्पस स्कूल - हिसार
2. क्रिश्चचनरी मिशनरी स्कूल - सोनीपत
14. कालेज - इंडियन इंस्ट्रीटूट ऑफ़ टेक्नॉलॉज़ी (IIT) खड़गपुर
15 वर्तमान पता - मुख्यमंत्री आवास नई दिल्ली
अरविन्द केजरीवाल का शुरुआती जीवन (Early Life of Arvind Kejriwal ) -
1. IIT खड़कपुर से पास होने के बाद सन 1989 में इन्होने टाटा स्टील कंपनी में जमशेदपुर से काम करना शुरू कर दिया ,
2. जमशेदपुर में रहते हुए अरविंद मदर टेरेसा से भी मिले , वह उनके साथ लोगो की सेवा के कार्य किये। मदर टेरेसा को देख उनके मन में जनसेवा का भाव जाग्रत हुआ।
2. यह काम करते हुए इन्होने कुछ समय तक क्रिश्चियन ब्रदर्स एसोसियशन के साथ काम किया।
3. इसी दौरान रामकृष्ण मिशन के साथ जुड़कर भी इन्होने गांव वालो के लिए काम किये।
4. नेहरू युवा केंद्र में बतौर सदस्य रहकर भी इन्होने काम किया।
5. टाटा में रहते हुए जब इन्होने टाटा के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट में काम करना चाहा तो इसमें काम करने से उन्हें मना कर दिया गया।
6. समाज सेवा की भावना लिए केजरीवाल को जब लगा ली यह काम करते हुए वो लोगो के लिए काम नहीं कर पाएंगे इस कारण से उन्होंने कंपनी छोड़ सिविल सेवा की तैयारी करनी शुरू कर दी।
7. अपने पहले ही प्रयास में इनका चयन भारतीय राजस्व सेवा (IRS ) में हो गया , और वर्ष 1995 में इन्हे आयकर विभाग में जॉइंट कमिश्नर का पद मिला।
8. सन 2006 तक ये अपनी सेवा में रहे उसके बाद इन्होने नौकरी से इस्तीफा देकर समाज कल्याण के लिए कार्य करने शुरू कर दिए।
अरविन्द केजरीवाल और भस्ट्राचार के खिलाफ लड़ाई (Arvind Kejriwal and the fight against corruption)
1. अरविंद के मन में स्कूल और कालेज के दिनों में ही जनसेवा का था क्योकि इंजीनियरिंग की पढाई के बाद इनका कालेज में CGPA 8.5 था। जो की एक बहुत अच्छा स्कोर था और इन्हे आसानी से विदेश में जॉब लग जाती ,इनके सभी मित्र कालेज के बाद विदेशो में नौकरी करने चले गए लेकिन ये देश में रहकर काम करना चाहते थे इसलिए ये नहीं गए।
2. सिविल सेवा में आने के बाद इन्होने देखा की भस्ट्राचार समाज के हर वर्ग में फैला है कर्मचारी ही नहीं बल्कि बड़े बड़े अधिकारी भी इसमें लिप्त है अपने विभाग में रहते हुए इन्होने जब इसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की तब कई बार उनके परेशान किया गया।
3. इन्हे समझ आ गया की नौकरशाही करते हुए ये भस्ट्राचार को खत्म नहीं कर पाएंगे इसलिए इन्होने साल 2000 में आयकर विभाग से 2 साल की छुट्टी ले ली और समाज सेवा के काम में लग गए।
4. इसके बाद वर्ष 2000 में ही इन्होने परिवर्तन नामक एक NGO शुरू किया। यह NGO दिल्ली की जनता को अधिकांश सरकारी काम फ्री में करवा के देता था और लोगो को प्रेरित करता था की यदि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी आप से किसी भी काम के लिए रिश्वत मांगे तो हमें बताये। हम उस पर आवश्यक कार्यवाही करेंगे।
5. दिल्ली की लोकसभा द्वारा अपने राज्य के लिए सुचना के अधिकार अधिनियम 2001 लागू करना इनकी संस्था की पहली बड़ी सफलता थी।
6. इस संस्था में अरविन्द केजरीवाल परदे के पीछे रहकर काम करते थे और इनके साथी जैसे मनीष सिसोदिया और अन्य लोग संस्था का मुख्य चेहरा बन कर काम करते थे।
7. साल 2003 अरविंद केजरीवाल ने फिर से आयकर विभाग ज्वाइन कर लिया और लगभग 18 महीने काम किया। इस बीच अपनी संस्था को चलाने के लिए कार्य करते रहे।
8. साल 2006 में इन सभी के प्रयासों से भारत में सुचना का अधिकार बिल पास हुआ , इस कार्य के लिए तब इन्हे रेमैन मैग्सेसे पुरुस्कार प्राप्त हुआ। इसके बाद इन्होने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
9. इनकी संस्था ने भस्ट्राचार से लोगो को लड़ने के लिए जागरूक करना शुरू किया और सुचना के अधिकार के विषय में जानकारी देनी शुरू की।
10. भस्ट्राचार पर आगे काम करते हुये इन्हे महसूस हुआ की सिर्फ सुचना का अधिकार के नियम की वजह से भस्ट्राचार ख़त्म नहीं होगा, बल्कि इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए लोकपाल का गठन होना चाइये। इसके लिए इन्होने सरकार से लोकपाल के गठन की मांग करना शुरू किया। अपनी इस लड़ाई में आगे इन्होने अन्ना हजारे जी को साथ में जोड़ा और अपनी इस मांग को मज़बूती से लोगो के सामने रखा।
अरविन्द केजरीवाल और अन्ना हज़ारे का साथ (Arvind Kejriwal and Anna Hazare)
अपनी संस्था के माध्यम से भस्ट्राचार के खिलाफ लड़ते हुए इनके साथ महाराष्ट्र के समाजसेवी और गांधीवादी विचारधारा के अन्ना हज़ारे का साथ मिलता है इसके बाद ये अन्ना जी के साथ मिलकर लोकपाल की लड़ाई के लिए आगे बढ़ते है।
* शुरुआत में सामान्य तरीके से सरकार सामने लोकपाल के लिए मांग रखते है लेकिन सरकार द्वारा इनकी मांगो पर कोई विशिष्ट ध्यान नहीं देने के कारण और लगातार टालमटोली करते रहने से इन्होने सख्ती के साथ सरकार से अपनी मांग पर ध्यान देने का निर्णय किया और इसके लिए जनआदोलन करने की सोची।
* इसके लिए दिल्ली स्थितः जंतर मंतर के मैदान में 4 अप्रैल 2011 को इन्होने india againest corruption के नाम से जनआंदोलन शुरू किया।
* आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए अरविन्द केजरीवाल ,अन्ना हज़ारे और बाकि के साथीगण भूख हड़ताल पर बैठ गए और सरकार के द्वारा लोकपाल हेतु कड़े कदम न उठाये जाने तक भूख हड़ताल करने की घोषणा कर दी।
* वैसे तो इस आंदोलन का न्रेतत्व अन्ना हज़ारे ने किया था। लेकिन इस मुख्य रचनाकार अरविन्द केजरीवाल ही थे वे पूरे आंदोलन के दौरान अन्ना के साथ रहे और इस आंदोलन के दुसरे प्रमुख किरदार का रूप लिया।
* अन्ना का यह आंदोलन देश स्तर पर बहुत फेल गया और आंदोलन से आम नागरिक भी जुड़ाव महसूस करने लगे।
* आखिरकार सरकार को झुकते हुए लोकपाल के गठन की घोषणा करनी पड़ी , सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद इन सभी ने आंदोलन को वापिस ले लिए।
*आंदोलन के बाद सरकार ने अपने वादे के मुताबिक़ लोकपाल का गठन नहीं कर पायी और लोकपाल क़ानून को पारित करने में लम्बा समय लगाने लगी।
* इसके बाद अरविन्द केजरीवाल समझ गए की सरकार में रहते हुए ही प्रभावी काम किये जा सकते है इसके बाद इन्होने राजनैतिक लड़ाई लड़ने की सोची और स्वय की नई राजनैतिक पार्टी आम आदमी पार्टी का गठन किया।
* अन्ना हज़ारे ने अरविन्द केजरीवाल के इस फैसले का साथ देने से मना कर दिया , और इसे सिर्फ अरविन्द का फैसला बताते हुए खुद को हमेसा का लिए अरविन्द ओर अरविन्द केजरीवाल की पार्टी से अलग लिया। * अन्ना के अनुसार राजनीति कीचड़ की तरह है जिसमे जाने वाला खुद को गन्दा कर ही लेता है इसलिए वे कभी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। लेकिन अरविन्द का कहना था की भले ही ये कीचड़ हो लेकिन इसे इसमें घुसकर ही साफ़ किया जा सकता है।
* इसके बाद अन्ना हज़ारे और केजरीवाल के रास्ते हमेशा के लिए अलग हो गये. केजरीवाल अपने आंदोलन कारी कुछ साथियो को लेकर आम आदमी पार्टी की स्थापना की।
अरविन्द केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (ARVIND KEJRIWAL AND AAM AADMI PARTY)
2 अक्टुम्बर 2012 अरविन्द केजरीवाल ने महात्मा गांधी की जयंती पर अपनी राजनैतिक पार्टी आम आदमी पार्टी की स्थापना कि।
* पार्टी की स्थापना के समय इनके कई दिग्गज साथी जैसे - प्रशांत किशोर , कुमार विश्वास , मनीष सिसोदिया , अलका लाम्बा अदि इनके साथ थे। लेकिन आगे चल कर इनके कई साथी वैचारिक और राजनैतिक मतभेदो के चलते अलग हो गए।
* पार्टी के गठन के बाद पहला चुनाव वर्ष 2013 में दिल्ली विधानसभा के लिए लड़ा।
* अपने पहले ही चुनाव में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 70 विधानसभा सीट में से 28 सीटे जीती।
* स्वयं अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की मुख़्यमंती शीला दीक्षित के खिलाफ लड़े और कुल 25864 वोटो से मुक्यमंत्री को हराया।
* इस चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिल पाने की दशा में मज़बूरी में ही सही पर कांग्रेस के साथ गठ्बंदन कर के आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता संभाली और अरविन्द केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख़्यमंत्री बने।
* मुखयमंत्री बन ने बाद केजरीवाल जनता से किये अपने वादे को निभाते हुए दिल्ली में जनलोकपाल बिल लाना चाहते थे इसके लिए सदन में उनकी सरकार ने बिल भी लाया लेकिन स्वय की गठबंधित कांग्रेस सरकार और विपक्षी भाजपा पार्टी ने बिल पास नहीं होने दी , जनता से किये अपने वादे को पूरा ना कर पाने की दशा में इन्होने मात्र 49 दिन के अंदर ही मुख़्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
* इसके बाद भारत में लोकसभा चुनाव होने लगते है , और अरविन्द केजरीवाल वाराणसी से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव में खड़े होते है लेकिन वह यह चुनाव हार जाते है।
* 2014 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी 2 लोकसभा सीट जीत कर भारतीय संसद में अपनी पहुंच को सुनिश्चित करती है।
* इसके बाद दिल्ली में कुछ दिनों तक राष्ट्पति शासन लगा रहा।
* स्पस्ट बहुमत न होने की दशा में दिल्ली में फिर से चुनाव करवाए गए , और इस बार के चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए 70 में से कुल 67 सीटे जीती और दिल्ली पर फिर आप की सरकार बनी।
* अरविन्द केजरीवाल ने 14 फ़रवरी 2015 को दिल्ली के मुक्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
* इसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव होते है जिसमे आम आदमी पार्टी दूसरी बड़ी पार्टी बन के विपक्ष में बैठती है।
* वर्ष 2020 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी कुल 62 सीट जीत कर फिर से सत्ता में काबिज़ होती है और केजरीवाल लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनते है।
अरविदं केजरीवाल के बारे कुछ रोचक जानकारिया (Some interesting facts about Arvind Kejriwal)
* अरविन्द केजरीवाल को हिंदी फिल्मे देखने का बहुत शौक है वे अभिनेता आमिर खान के फैन है।
* अरविन्द एक शानदार चित्रकार है ये सामने रखी किसी भी चीज़ का हूबहू चित्र पेपर में बना देते है बचपन से ही वे इस काम में माहिर है।
* अरविन्द की रुचि कॉलेज के दिनों में राजनीति न होकर थियेटर थी ये थियेटर में बढ़ चढ़कर भाग लेते थे।
* इन्होने IIT और IRS जैसे कठिन परीक्षा पहले प्रयास में ही पास कर लिए थे।
* जिस वर्ष अरविन्द केजरीवाल खड़कपुर IIT से पास होकर निकले , उसी वर्ष गूगल के वर्तमान CEO सुन्दर पिचाई उसी वर्ष IIT में प्रवेश लिए थे.
* IRS सेवा के दौरान ये अपने स्वयं के काम किये लिए चपरासी की सेवा नहीं ली , ये अपना टेबल को खुद सही साफ़ किया करते थे।
* वर्तमान में भी अरविन्द केजरीवाल अपने मुख्यमंत्री दफ्तर पर किसी भी चपरासी की सेवा नहीं लेते है। अपने काम खुद ही किया करते है।
* अरविन्द की अपनी पत्नी से पहली मुलाक़ात IRS की ट्रेंनिग के दौरान वर्ष 1994 में नेशनल अकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन मसूरी में हुई थी , वही से इनके रिश्ते आगे बढे और वर्ष 1995 में इन्होने शादी भी कर ली।
* अरविन्द केजरीवाल का जन्म जन्मास्टमी के दिन हुआ था इसलिए इनके घर वाली प्यार से इन्हे कान्हा कह कर पुकारते है।
* अरविंद को स्कूल और कालेज के टाइम ड्रामा और भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने का बहुत शौक था। एक बार तो तबियत खराब होने के बाद भी इन्होने कम्बल ओढ़ कर डिबेट प्रतियोगिता में भाग लिया था।
* सुचना का अधिकार अधिनियम,2005 को भारत में लेन का श्रेय अरविन्द केजरीवाल को ही जाता है।
* इन्होने खुद से स्वराज नामक किताब लिखी है।
* ये अपने बच्चो का जन्मदिन नहीं मनाते है। ये किसी भी प्रकार के दिखावे और फालतू खर्च का विरोध करते है।
अरविन्द केजरीवाल से सम्बंदित विवाद (Controversy related to Arvind Kejriwal) -
1. अरविन्द केजरीवाल के दवारा पार्टी की स्थापना के समय अन्ना हज़ारे ने इनका खुल कर विरोध किया था जिस कारण अन्ना समर्थको ने भी इनका विरोध किया था। इस के कुछ समर्थको ने इन पर स्याही फेकने , और इन्हे थप्पड़ मारने जैसे कृत्य भी किये थे।
2. 2015 में मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली की तात्कालिक गवर्नर नजीब जंग से कई बार विवाद हुए थे। इन्होने गवर्नर और दिल्ली पुलिस को सरकार के काम रोकने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया था।
3. टीवी और होर्डिंग पर इनके विज्ञापन दिखाने पर विपक्ष ने इनका खूब विरोध किया था और जनता के पैसे का विज्ञापन में खर्च करने का इल्ज़ाम लगाया था।
4. प्रशांत किशोर और योगेंद्र यादव से विवाद होने के बाद उन्होंने अरविन्द केजरीवाल पर कई सारे इलज़ाम लगाए थे। इस बीच एक वायरल वीडियो में ये प्रशांत किशोर ओर योगेंद्र यादव को गाली देते हुए नज़र आये थे।
5. इन पर आरोप लगा है की इन्होने पार्टी में कई फ़र्ज़ी डिग्री धारियों को टिकट दिए है।
6. एक बार दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कह देने पर इनका बहुत विरोध हुआ था।
7. एक बार मुख्यमंत्री आवास का बिजली बिल 35 लाख रूपए आने पर विपक्ष द्वारा इन पर सत्ता के दुरुप्रयोग और संसाधन के भोग विलास का आरोप लगा था।
8. भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक किये जाने पर उसका सबूत मांगने को लेकर इनका देश भर में विरोध हुआ था।
अरविन्द केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहते हुए किये कुछ महत्वपूर्ण कार्य (Some important work done while Arvind Kejriwal was the Chief Minister ) -
1. इनके द्वारा मोह्हला क्लिनिक शुरू किया गया , जिसका उदेश्य मुफ्त चिकित्सा सुविधा देना था ये काफी हिट रहा।
2. दिल्ली की महिलाओ को बस में फ्री यात्रा की सुविधा दी।
3. दिल्ली में मुफ्त बिजली और जलापूर्ति जैसी सेवा दी।
4. प्राइवेट स्कूलों की तर्ज़ पर सरकारी स्कूलो का विकास कर इन्होने शिक्षा के प्रसार में क्रांति ला दी।
5. कोरोना के दोरान फसे मज़दूरों को फ्री बस सेवा प्रदान कर घर पहुंचने में सहायता की।
6. महिलाओ की सुरक्षा के लिए रोड पर CCTV कैमरा , स्ट्रीट नाईटएल , बस मार्शल की सुविधा दी।
अरविन्द केजरीवाल को मिले प्रमुख सम्मान (Arvind Kejriwal received major honors) -
1. रेमैन मेग्सेसे पुरुस्कार - 2006 - भारत में सुचना के अधिकार के नियम को लागु करवाने के लिए।
2. सत्येंद दुबे अवार्ड - 2005 - सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने , IIT खड़कपुर द्वारा दिया गया।
3. लोकसेवा में CNN , IBN और इंडियन ऑफ़ द ईयर का पुरुस्कार - 2006
4. विसिष्ट पूर्व छात्र पुरुस्कार - 2009 - IIT खड़कपुर द्वारा
अरविन्द केजरीवाल द्वारा लिखी किताब -
1. स्वराज
2. व्यवारिक मार्गदर्शन
अरविन्द केजरीवाल की सम्पति ( Arvind Kejriwal's wealth )-
कूल सम्पत्ति - 2 करोड़ रूपए ( चल अचल सम्पति )
वेतन - 1.25 लाख रूपए माह
FAQ
1. अरविन्द केजरीवाल का जन्म कब हुआ था
उत्तर - 16 अगस्त 1968
2. अरविन्द केजरीवाल की पत्नी का नाम क्या है
उत्तर - सुनीता केजरीवाल
3. अरविन्द केजरीवाल की बेटी का नाम क्या है
उत्तर - हर्षिता केजरीवाल
4. अरविन्द केजरीवाल के बेटे का नाम क्या है
उत्तर- पुलकित केजरीवाल
5. अरविन्द केजरीवाल की कुल सम्पति कितनी है
उत्तर - 2 करोड़ (चल व् अचल सम्पति )
6. क्या अरविन्द केजरीवाल IAS है
उत्तर - नहीं केजरीवाल ने UPSC पास की थी लेकिन उन्हें IRS मिला था वे भारतीय कर सेवा के अधिकारी रहे है
7. अरविन्द केजरीवाल की पार्टी का क्या नाम है
उत्तर - आम आदमी पार्टी
8. अरविन्द केजरीवाल की शादी कब हुई
उत्तर - वर्ष 1995 में अरविन्द केजरीवाल की शादी हुई
9. अरविन्द केजरीवाल की जाति क्या है
उत्तर - ये वेश्य समाज से आते है अग्रवाल की उपजाति के रूप में इनका सरनेम है
10. अरविन्द केजरीवाल की शिक्षा कहा तक है
उत्तर - ये IIT खडगपुर से मेकेनिकल इंजीनियर से स्नातक है
Comments
Post a Comment